NCERT-भूगोल-कक्षा-07-अध्याय-08
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भूमध्य रेखीय प्रदेश/ Equatorial Regions
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- पृथ्वी के मध्य क्षैतिज स्तर पर एक काल्पनिक रेखा खींची गई है जोकि भूमध्य रेखा अर्थात भूमि के मध्य में स्थापित रेखा कहलाती है।
- इस भूमध्य रेखा से 10 डिग्री उत्तर तथा 10 डिग्री दक्षिण के क्षेत्र पर सूर्य की किरणें वर्षभर निरंतर 180 डिग्री के कोण से आरोपित होती हैं।
- इसी क्षेत्र को भूमध्य रेखीय क्षेत्र कहा जाता है।
- यहां का वार्षिक औसत तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है।
- परिणाम स्वरूप कम दबाव के क्षेत्र के कारण यहां वर्ष में 200 सेंटीमीटर से अधिक की वर्षा होती है।
- वार्षिक औसत आद्रता 80% रहती हैं।
- यहां पर मिलने वाली वनस्पति वर्षावन वनस्पति कहलाती है।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की अमेज़न नदी तथा अफ्रीका महाद्वीप की कांगो जायरे नदी इसी क्षेत्र से होकर बहती है।
नदी मुहाना/ Estuary
ऐसा स्थान जिस स्थान पर बहती एक दूसरे नदी
01- सागर
02- समुंद्र या \
03- झील जैसे जलीय पिंड में समायोजित हो जाती है तब उस स्थान को नदी का मुहाना कहते हैं।
उदाहरण के लिए गंगा नदी का बंगाल की खाड़ी में मिल जाना ।
परिणाम स्वरूप जिस स्थान पर गंगा नदी बंगाल की खाड़ी से मिलती है उसे गंगा नदी का मुहाना कहा जाएगा।
सहायक नदियां/ Tributary Rivers
- वह नदियां जोकि एक बड़ी नदी में अपना मुहाना बनाती है एवं इसके साथ ही उनका अस्तित्व उस नदी में मिलकर समाप्त हो जाता है सहायक नदियां कहलाती है।
- उदाहरणके रूप में यमुना नदी का प्रयागराज संगम पर गंगा नदी में मिलना इसके पश्चात यमुना नदी का नाम किसी भी प्रकार से नहीं लिया जाता तथा संयुक्त धारा को आगे के प्रवाह क्षेत्र में गंगा नदी के नाम से ही जाना जाता है।
जलसंग्रह क्षेत्र (बेसिन)/ Basin/ Catchment Area
- मुख्य नदियां तथा उसकी अनेक सहायक नदियां एक वृहद क्षेत्र से होते हुए बहती हैं।
- इस प्रकार मुख्य नदी एवं उसकी सहायक नदियों के द्वारा जिस भौगोलिक क्षेत्र को समाविष्ट करती है अर्थात बहती है उसे नदी का जल संग्रह क्षेत्र अथवा नदी बेसिन कहा जाता है।
कर्तन एवं दहन (Slash & Burn)

यह एक पारंपरिक कृषि करने का साधन है जिसके अंतर्गत -
- कृषक सर्वप्रथम वृक्ष एवं झाड़ियों को काटकर भूमि को सपाट करते हैं
- तत्पश्चात इन वृक्ष और झाड़ियों का दहन किया जाता है।
- दहन करने की प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य कृषि योग्य
- कृषि करने वाली भूमि की पोषक क्षमता में वृद्धि करनी है, एवं
- दहन प्रक्रिया के पश्चात वह अगले कुछ वर्षों तक इस भूमि पर कृषि कार्य / फसल पैदा करते हैं।
"इस प्रकार हम देख रहे हैं की कृषि करते समय किसी प्रकार की जैविक तत्व रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं किया गया है।"
- परिणाम स्वरूप कुछ समय के पश्चात भूमि की उर्वरा क्षमता कम होने लगती है, कारण निरंतर पोषक तत्वों में कभी आना है।
- कुछ वर्ष कृषि करने के पश्चात भूमि को पुनः छोड़ दिया जाता है तथा किसी अन्य स्थान को चिन्हित कर कर वहां पर कर्तन एवं दहन की प्रक्रिया की जाती है एवं अगले कुछ वर्षों तक उस स्थान पर कृषि कार्य किए जाते हैं।
इसी समय अवधि में पुराने स्थान पर पुनः वृक्ष एवं झाड़ियां उगाते हैं और इस प्रकार एक स्थान से दूसरे स्थान के "मध्य कर्तन एवं दहन कृषि" करने की पद्धति चलती रहती है।
👉 इजरायल फिलिस्तीन
विवाद-कारण-भाग-3 👀
ब्रोमिलियाड/ Bromiliads
भूमध्य वन क्षेत्र वनस्पति में पाया जाने वाला यह एक पौधा है जो कि अपनी पत्तियों में जल को संचित रखता है तथा मेंढक इस जल के पैकेट का उपयोग अंडे देने के लिए करते हैं।
👉 इजरायल फिलिस्तीन विवाद- कारण-भाग-1 👀
मलोका/ Maloca
- अमेज़न वर्षा वन क्षेत्र में वाह की जनजातियों के द्वारा इस प्रकार के घरों का निर्माण किया जाता है जिनकी छात्र तीव्र ढलान वाली होती है परिणाम स्वरूप अत्यधिक वर्षा की स्थिति में भी इनकी छतों पर जल संग्रह नहीं होता है।
- साधारण भाषा में भारत में पाई जाने वाली झोपड़ी के समान यह एक घर है हमारे यहां पाई जाने वाली झोपड़ी की छत भी तीव्र ढलान वाली होती है जिससे कि उसकी छत पर जल संग्रह नए हो सके।
- बालों का पूर्ण रूप से बांस के डंडे तथा उसकी पतली पट्टी का बना हुआ होता है।
ट्रांस अमेज़न मार्ग/ Trans Amazon Route
- इस मार्ग का प्रारंभ वर्ष 1972 में किया गया था।
- ब्राजील के अंदर इसका वैधानिक नाम BR-230 है।
- मार्ग की कुल लंबाई लगभग 5200 किलोमीटर की है जिसका उद्देश्य है अमेज़न वर्षा वनों के क्षेत्र को ब्राजील राज्य के अन्य भागों से जोड़ना है।
- इसके साथ ही विकास की गतिविधियों को भी इस क्षेत्र में स्थापित करना है।
- इस मार्ग निर्माण की योजना में
- 01-कोलंबिया
- 02-पेरू तथा
- 03-इक्वेडोर को समाविष्ट का नागिन इसका एक उद्देश्य है।
- यद्यपि मार्ग के निर्माण प्रक्रिया को लेकर समय-समय पर पर्यावरणविद के द्वारा प्रश्न उठाए जा रहे हैं जिनके अनुसार यह अमेज़न की जैव विविधता में उपलब्ध विलक्षणता को एक संकट बनकर उभरा है।
जैविक विविधता/ Bio Diversity
पृथ्वी पर उपस्थित जैव मंडल वह क्षेत्र होता है जहां -
- विलक्षण रूप से स्थलमंडल वायुमंडल तथा जलमंडल का संगम होता है
- परिणाम स्वरूप उचित जलवायु का निर्माण होता है जो कि जंतु जगत एवं पादप जगत जीवन उत्पन्न करती है।
जब अनेक
- जंतु जगत प्रजातियां एवं
- पादप जगत प्रजाति एक परिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत एक दूसरे पर निर्भर होते हुए सामंजस्य के साथ जीवन व्यतीत करते हैं तथा अपनी विभिन्नता को बनाए रखते हैं तब इस प्रकार के तंत्र को जैव विविधता कहते हैं।
गंगा ब्रह्मपुत्र बेसिन/ Ganga Brahamputra Basin


उत्तर भारत के मैदान तथा उत्तर पूर्व राज्य में स्थित असम के मैदानी क्षेत्र, जोकि गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों के जल संग्रहण क्षेत्र के परिणाम स्वरूप निर्मित हुए हैं, को गंगा ब्रह्मपुत्र जल संग्रहण क्षेत्र अथवा गंगा ब्रह्मपुत्र बेसिन कहा जाता है।

इस क्षेत्र में गंगा नदी का ढलान पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर जबकि ब्रह्मपुत्र नदी का ढलान पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर है तथा दोनों नदियां बांग्लादेश के डेल्टा क्षेत्र में अपना संगम करती है।
तदुपरांत बंगाल की खाड़ी में मेघना नदी के नाम से अपना मुंहआना बनाती हैं।
चाप झील/ Oxbow Lake

- विसर्प बनने की प्रक्रिया में जब विसरप लूप के दोनों तटबंध अपरदन एवं निक्षेपण की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप परस्पर मिल जाते हैं तथा नदी विसर्प का मार्ग छोड़कर एक अन्य मार्ग के माध्यम से अपने अपने पूर्ववर्ती मार्ग में जुड़ती है तब इस प्रकार छोटा गया विसर्प एक झील के रूप में परिवर्तित होता है।
- चुकी यह चाप की आकृति के समान दिखाई देती है इसलिए इसे चाप झील कहते हैं।
जनसंख्या घनत्व
- 1 वर्ग किलोमीटर के त्रिज्या क्षेत्र में जो भी मनुष्य जनसंख्या पाई जाती है उसे उस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व कहते हैं।
- वर्तमान में भारत का जनसंख्या घनत्व 340 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
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