NCERT-राज व्यवस्था-कक्षा-06-अध्याय-10 प्रधान शब्दावली एवं प्रश्न-उत्तर
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शासन क्या है?
- निर्णय लेने की प्रक्रिया
- नियमों के विभिन्न समूह से सामाजिक जीवन
को व्यवस्थित करना, और
- उनका पालन सुनिश्चित करना ही शासन कहलाता है।
सरकार क्या है?
- सरकार व्यक्ति विशेष का वह समूह तंत्र है
- जो की नियमों का निर्माण एवं उनका अनुपालन सुनिश्चित करते हैं, तथा
- अवहेलना करने वाले को दंड देने का प्रावधान होता है।
Note-
- नियम/ Rules, नियमन/ Regulation एवं विधि/ Law परिवर्तनशील है।
- यदि परिवर्तनशीलता का अभाव रहता है, तो
- समाज एक बंद इकाई हो जाएगा
- जिसमें समय के साथ अव्यवस्था की सड़न आने लगेगी।
सरकार के तीन अंग-
- विधायिका - विधि नियमावली एवं नियम निर्माण का कार्य।
- कार्यपालिका- इसका प्रमुख कार्य क्रियान्वयन का
- न्यायपालिका- विधि व्यवस्था की अवहेलना करने पर उचित अन्वेषण एवं निरीक्षण के पश्चात दंड का प्रावधान न्यायपालिका के माध्यम से होता है।
शक्तियों का पृथक्करण-
- स्वस्थ लोकतंत्र की प्राथमिक आवश्यकता सरकार के तीनों घटक के मध्य "शक्तियों के पृथक्करण" सिद्धांत का होना है।
- यह पृथक्करण का सिद्धांत प्रभावित तब माना जाएगा जब
- तीनों घटक एक दूसरे को प्रभावित करते हुए
- अपनी स्वतंत्रता एवं संप्रभुता को तटस्थ रखते हैं।
- यह सिद्ध तब होगा जब तीनों एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हुए अपनी अपेक्षित भूमिका परिधि का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं, और,
- यदि किसी एक घटक/ एक से अधिक घटक के द्वारा ऐसा होता है तो
- उनको नियंत्रित कर उन्हें पुनः संतुलन स्थापित किया जाएगा।
लोकतंत्र/ Democracy-
- लोकतंत्र अर्थात लोगों के द्वारा, लोगों के लिए, लोगों की शासन व्यवस्था प्रणाली ।
- लोकतंत्र दो प्रकार का होता है -
- प्रत्यक्ष तथा
- अप्रत्यक्ष।
- लोकतंत्र का अर्थ की सभी लोग एक साथ शासन व्यवस्था के अंग हैं तथा शासन व्यवस्था को चलते हैं।
- परंतु व्यावहारिक रूप से यह संभव नहीं है।
- इसी कारण से प्रतिनिधि का चयन किया जाता है
- यही प्रतिनिधि -
- राष्ट्र के स्तर पर संसद,
- राज्य के स्तर पर विधायक तथा
- ग्राम के स्तर पर प्रधान कहलाता है।
इस प्रकार -
- प्रतिनिधियों की राष्ट्रीय सभा को संसद,
- राज्य के स्तर की सभा को विधानसभा, तथा
- स्थानीय स्तर की सभा को ग्राम पंचायत कहते हैं।
सभा का मुख्य कार्य -
- विषयों पर चर्चा करना,
- विचार विमर्श करना, तथा
- संबंधित विधि एवं नियमावली का निर्माण करना।
Note-
- वर्तमान में 2024 के चुनाव के संबंध में भारत में कुल 97 करोड़ मतदाता हैं अर्थात ऐसे लोग जिनकी आयु कम से कम 18 वर्ष है।
NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय-02
NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय-03
प्रश्न-
लोकतंत्र का क्या अर्थ है
प्रत्यक्ष लोकतंत्र और प्रतिनिधि लोकतंत्र के बीच क्या अंतर है।
उत्तर-
- एक ऐसी शासन प्रणाली जिसका निर्माण, लोगों
के द्वारा, वयस्क मतदान के आधार पर, लोगों के लिए किया गया है
लोकतांत्रिक प्रणाली कहलाती है।
- प्रत्यक्ष लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक स्वयं शासन करता है किंतु यह पक्ष व्यावहारिक नहीं है क्योंकि शासन व्यवस्था दायित्व और प्रतिदिन की दैनिक व्यवसाय का दायित्व अलग-अलग नहीं हो सकते।
- यदि ऐसा नहीं है तो हितों का टकराव निश्चित है, परिणाम
- पारिवारिक व्यवस्था,
- सामाजिक व्यवस्था एवं
- शासन व्यवस्था तीनों का पृथक्करण औपचारिक तथा व्यावहारिक रूप से संपन्न नहीं हो पाएगा एवं
- तीनों ही व्यवस्थाएं सामूहिक निषेध के अंतर्गत आ जाएंगी।
- प्रतिनिधि लोकतंत्र का चयन किया जाता है,
- जहां सामूहिक शासन प्रणाली व्यवस्था के लिए
- अपने प्रतिनिधि का चयन मतदाता मतदान के आधार पर करता है
- ताकि वह एक प्रतिनिधि उस संपूर्ण समूह का प्रतिनिधित्व कर उनके पक्ष को रख सके।
सरकार के तीन अंग कौन-कौन से हैं
उनकी क्या-क्या अलग-अलग भूमिका है।
उत्तर-
सरकार के तीन अंग
विधायिका -
- विधि, नियमावली एवं नियम निर्माण का कार्य।
- यह कार्य एक सभा के माध्यम से जनप्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है।
कार्यपालिका-
- इसका प्रमुख कार्य क्रियान्वयन का है
- विधि व्यवस्था के अंतर्गत यह अभिकरण ( Agency
) के माध्यम से विधि, नियमन एवं नियम का
क्रियान्वयन कार्य करती है।
न्यायपालिका-
- सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक क्योंकि "भय बिना प्रीत ना हुई" तुलसीदास जी रचित इस तथ्य का क्रियान्वयन न्यायपालिका की उपस्थिति में होता है।
- विधि व्यवस्था की अवहेलना करने पर उचित अन्वेषण एवं निरीक्षण के पश्चात दंड का प्रावधान न्यायपालिका के माध्यम से होता है।
- न्यायपालिका के पास निरीक्षण एवं पुनर अवलोकन का प्रावधान विधायिका एवं कार्यपालिका के संबंध में रहते हैं।
- तथा दंड का प्रावधान विधि व्यवस्था की अभिन्न के संदर्भ में होता है।
भारत के परिपेक्ष में हमें तीन
स्तरीय सरकार की आवश्यकता क्यों है?
In Indian
context why we have three layered government.
उत्तर-
- भारत की यदि सांस्कृतिक व्यवस्था को देखें तो -
- यहां पर 1600 से अधिक,
- 100 से अधिक नृत्य कलाएं हैं,
- 3000 से ऊपर भोजन, तथा
- वस्त्र पहनने की विधियां है।
- अर्थात यदि संस्कृति धरातलीय स्तर पर कार्य कर रही है तो विविधता को आपको स्थान देना होगा।
- भारत की सामाजिक संरचना में गांव एक आधारभूत सामाजिक इकाई के रूप में कार्य करता है।
- घर तथा परिवार का विचार राष्ट्रीय राजनीति तक अपनी झलक देता है।
- जब संघीय व्यवस्था में राज्यों को मान्यता दी गई है तो फिर गांव और राज्य एक आवश्यक भावी इकाई शासन व्यवस्था प्रणाली के अंतर्गत बनते हैं, किंतु भारत का एकल राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व भी आवश्यक है इसलिए सृजन होता है शासन प्रणाली के तीसरे और उच्च चरण का अर्थ केंद्र की सरकार।
- और इस प्रकार से भारत में तीन स्तरीय शासन व्यवस्था मिलती है।
- पूरे वैश्विक परिदृश्य में लोकतांत्रिक
व्यवस्था के अंतर्गत स्थानीय निकाय की उपस्थिति राज्य एवं केंद्रीय शासन इकाई के
साथ मिलती है तथा तीनों मिलकर वास्तव में एक परिपक्व, संपूर्ण एवं स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना करते है।
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