NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय-02
प्रधान शब्दावली
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👉 NCERT-भूगोल-कक्षा-06👀
1. अध्याय-01
2. अध्याय-02
3. अध्याय-03
4. अध्याय-04
5. अध्याय-05
6. अध्याय-06
7. अध्याय-07
8. अध्याय-08
ग्लोब/Globe
- पृथ्वी का लघु रूप होता है जिसके अध्ययन करने से हम पृथ्वी के रूप की कल्पना करते हैं।
अक्ष /Axis
- यह वह काल्पनिक रेखा है जोकि पृथ्वी के केंद्र से होते हुए पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिण ध्रुव को आपस में जोड़ती है।
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विषुवत रेखा/Equator
- वह काल्पनिक रेखा जोकि पृथ्वी के मध्य क्षैतिज रूप से खींची गई है एवं पृथ्वी के चारों एक परिधि बनाती है।
विश्वत रेखा के आधार पर पृथ्वी को दो समान भागों में विभाजित किया गया है जिसमें से एक को
1. उत्तरी गोलार्ध एवं दूसरे भाग को
2. दक्षिणी गोलार्ध का नाम दिया गया।
उत्तरी गोलार्ध/Northern hemisphere
- पृथ्वी के उत्तर में स्थित, विषुवत रेखा के आधार पर विभाजित, आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध कहते हैं।
दक्षिणी गोलार्ध / Southern hemisphere
- पृथ्वी के दक्षिण में स्थित, विषुवत रेखा के आधार पर विभाजित, आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं।
महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु / Important
- पृथ्वी के मध्य में स्थित 0 ° मान वाली विषुवत रेखा को महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु भी कहा जाता है।
अक्षांश रेखा /Latitudes
- वह काल्पनिक रेखा जो कि पृथ्वी पर क्षैतिज रूप से खींची गई है एवं एक पूर्ण व्रत बनाती है अक्षांश रेखा कहलाती है।
देशांतर रेखा/ Longitudes
- वह काल्पनिक रेखा जो कि पृथ्वी पर ऊर्ध्वाधर खींची गई है एवं उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव को जोड़ते हुए एक अर्धवृत्त बनाती है देशांतर रेखाएं कहलाती है।
उत्तरी अक्षांश / Nothern latitudes
- अक्षांश रेखाएं एक एक डिग्री के अंतराल से उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्ध में खींची गई है।
- वह अक्षांश रेखाएं जो कि उत्तरी गोलार्ध में स्थित है उत्तरी अक्षांश कहलाती है।
दक्षिणी अक्षांश / Southern latitudes
- वह अक्षांश रेखाएं जो कि दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है दक्षिणी अक्षांश कहलाते हैं।
कर्क रेखा /Tropic of Cancer
- उत्तरी गोलार्ध में 23.5 उत्तर डिग्री पर जो अक्षांश रेखा खींची गई है उसे कर्क रेखा कहते हैं।
मकर रेखा/ Tropic of Capricorn
- दक्षिणी गोलार्ध में 23.5 दक्षिण डिग्री पर जो अक्षांश रेखा खींची गई है उसे मकर रेखा कहते हैं।
- कर्क रेखा एवं मकर रेखा का यह कोणीय झुकाव पृथ्वी के अक्षय झुकाव के कारण आता है।
- पृथ्वी के अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री पश्चिम झुके होने के कारण पूर्वी छोर से विषुवत रेखा 23.5 डिग्री उत्तर दिशा में उठ जाती है जबकि पश्चिमी छोर से 23.5 डिग्री दक्षिण दिशा की ओर झुक जाती है।
- इस प्रकार कर्क रेखा के उच्चतम उत्तरी बिंदु तथा मकर रेखा के दक्षिणी निम्नतम बिंदु एक-एक सीधी रेखा अक्षांशीय व्रत के रूप में खींची जाती है जिन्हें कर्क रेखा एवं मकर रेखा कहते हैं।
आर्कटिक घेरा / Arctic circle
- उत्तरी गोलार्ध में 66.5 डिग्री उत्तर में स्थित घेरे को आर्केटिक घेरा कहते हैं।
अंटार्कटिक घेरा / Antarctic circle
- दक्षिणी गोलार्ध में 66.5 डिग्री दक्षिण में स्थित घेरे को अंटार्कटिक हीरा कहते हैं।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र / Torrid zone
· कर्क रेखा एवं मकर रेखा के मध्य के क्षेत्र को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहते हैं।
· इसका प्रमुख कारण इस क्षेत्र में ऊष्मा का सर्वाधिक होना है जोकि वर्ष भर सूर्य की सीधी किरणें पड़ने के कारण होता है।
· क्योंकि इस कारण से सूर्य की ऊष्मा का तीव्र वितरण इस क्षेत्र में होता है।
शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र / Temperate zone
- उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा से आर्कटिक घेरे तक तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा से अंटार्कटिक घेरे तक का क्षेत्र शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र कहलाता है।
- क्षेत्र के बनने का प्रमुख कारण उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से बाहर सूर्य के किरणों का तिरछा प्रारंभ होना होता है।
- परिणाम स्वरूप ऊष्मा का वितरण तुलनात्मक रूप से कम तीव्र होता है।
👉 अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं-02
प्रधान मध्यान रेखा / Prime meridian
- 0 ° प्रमुख देशांतर रेखा प्रधान मध्यान रेखा कहलाती है।
- इसी रेखा को प्रमुख याम्योत्तर रेखा भी कहते हैं।
पूर्वी गोलार्ध / Eastern hemisphere
- प्रधान मध्यान रेखा से 180 डिग्री पूर्व की ओर का पृथ्वी का ऊर्ध्वाधर गोलार्ध पूर्वी गोलार्ध कहलाता है।
पश्चिमी गोलार्ध / Western hemisphere
- प्रधान मध्यान रेखा से 180 डिग्री पश्चिम की ओर पृथ्वी का ऊर्ध्वाधर गोलार्ध पश्चिमी गोलार्ध कहलाता है।
👉आने वाले अध्याय 👀
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तीव्र बिंदु/Bullet Points
1. संख्या गणना की दृष्टि से कुल 181 अक्षांश रेखाएं हैं।
2. 90 अक्षांश रेखा उत्तरी गोलार्ध में तथा 90 अक्षांश रेखा दक्षिणी गोलार्ध में एवं 01 विषुवत रेखा।
3. कुल संख्या में 360 देशांतर रेखा है। 180 रेखा पूर्वी गोलार्ध में तथा 180 रेखा पश्चिमी गोलार्ध में मानी गई है।
4. एवं 01 देशांतर 0 ° का प्रधान मध्यान्ह है।
5. इस प्रकार विशुद्ध रुप से गणना करने पर देशांतर रेखा की कुल संख्या 361 आती है लेकिन हम यह जानते हैं कि 180 डिग्री देशांतर रेखा दोनों गोलार्ध में एक ही है इस प्रकार यह कुल संख्या 360 हो जाती है।
6. पृथ्वी 60 मिनट के अंतराल पर 15 डिग्री देशांतर की दूरी तय करती है।
7. देशांतर रेखा के आधार पर पृथ्वी पर समय का निर्धारण होता है।
8. सदैव ध्यान रखें की पृथ्वी का घूर्णन पश्चिम से पूर्व दिशा में होता है इस प्रकार पूर्व दिशा का समय सदैव अधिक एवं पश्चिम दिशा का समय सदैव कम होगा।
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