NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय-03

 

प्रधान शब्दावली

 

👉प्रथम यह अध्ययन करें 👀

👉 NCERT-भूगोल-कक्षा-06👀

1.                 अध्याय-01                 

2.                 अध्याय-02               

3.                 अध्याय-03               

4.                 अध्याय-04      

5.                 अध्याय-05        

6.                 अध्याय-06       

7.                 अध्याय-07

8.                 अध्याय-08




गतिया/ Motions

पृथ्वी निरंतर दो प्रकार की गति करती है

01-घूर्णन

02-परिक्रमा।

 

घूर्णन/ Rotation


वह गति जिसके अंतर्गत पथरी अपने अक्ष पर चारों ओर घूमती है घूर्णन कहलाती है।

घूर्णन के अंतर्गत पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर गमन करती है।

इसकी गति 465 मीटर प्रति सेकंड की है अर्थात लगभग 1610किलोमीटर प्रति घंटा।

घूर्णन गति के अंतर्गत विषुवत रेखा पर 24 घंटे में  40075 किलोमीटर जबकि ध्रुवों पर 0 किलोमीटर अर्थात 0.00008 किलोमीटर घूमती हैं।


     


👉 पृथ्वी की गतियां भाग-01

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परिक्रमा अथवा परिक्रमण/ Revolution


वह गति जिसके अंतर्गत पृथ्वी एक निश्चित पथ पर निश्चित समय अंतराल के साथ सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण करती है परिक्रमा कहलाती है।

परिक्रमा की दिशा भी घूर्णन के समान पश्चिम से पूर्व दिशा में होती है।

पृथ्वी का परिक्रमा पथ 92 करोड किलोमीटर लंबा होता है।

परिक्रमा की गति 29.8 किलोमीटर अर्थात 30 किलोमीटर प्रति सेकंड की होती है।

परिक्रमा के द्वारा पृथ्वी पर दिन एवं रात का की समय अवधि घटती अथवा बढ़ती है।

परिक्रमा के परिणाम स्वरुप ही पृथ्वी पर ग्रीष्म अथवा शीत अयनांत होते हैं।




प्रदीप्त व्रत/ Illumintared Circle


घूर्णन गति के द्वारा पृथ्वी पर दिन एवं रात संभव होते हैं।

इस प्रक्रिया के अंतर्गत पृथ्वी का वह भाग जो सूर्य के प्रत्यक्ष होता है वहा दिन एवं जिस स्थान की स्थिति अप्रत्यक्ष होती है वहां रात होती है

इस प्रकार संपूर्ण पृथ्वी पर दिन और रात को विभाजित करते हुए एक रेखा पृथ्वी पर व्रत बनाती है इसी व्रत को प्रदीप्त व्रत कहते हैं।

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रितु की संख्या/ Number of Seasons


विभिन्न रितु का विभिन्न समय पर पृथ्वी पर होना परिक्रमा का परिणाम है।

पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 1 वर्ष में पूर्ण करती है और इस प्रकार 1 वर्ष में हमें चार ऋतु प्राप्त होती हैं जोकि क्रमशः

01-  ग्रीष्म ऋतु,

02-  वर्षा ऋतु,

03-  शरद ऋतु एवं,

04-  शीत ऋतु हैं।


👉 पृथ्वी की गतियां भाग-02

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ग्रीष्म अयनांत/Summer Solstice


परिक्रमा गति के उपरांत वह स्थिति जब उत्तरी गोलार्ध में दिन एवं रात के समय भी ने सर्वाधिक अंतर होता है

-        अर्थात दिन कुल 18 घंटे का

-        जबकि रात कुल 6 घंटे की होती है तब इस स्थिति को ग्रीष्म अयनांत कहते हैं।

उत्तरी गोलार्ध में यह स्थिति 21 जून के दिन होती है।

इसके ठीक विपरीत दक्षिणी गोलार्ध में 21 जून के दिन शीत अयनांत की स्थिति होती है।

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शीत अयनांत/Winter Solstice

 

स्थिति जब दिन और रात की समय अवधि में सर्वाधिक अंतर होते हुए

-        रात की समय अवधि 18 घंटे की एवं

-        दिन की समय अवधि 6 घंटे की होती है तब इस स्थिति को शीत अयनांत कहते हैं।

उत्तरी गोलार्ध में यह स्थिति 22 दिसंबर जबकि दक्षिणी गोलार्ध में यह स्थिति 21 जून के दिन होती है।


👉आने वाले अध्याय 👀

    

CHAPTER- 05

CHAPTER- 06

CHAPTER- 07 

CHAPTER- 08


विषुव/ Equinox


परिक्रमा के उपरांत वह स्थिति जब पृथ्वी पर दिन और रात की समय अवधि समान रूप से 12 - 12 घंटे की रहती है तब उस स्थिति को विषुव कहते हैं।

पृथ्वी पर विश्व की स्थिति 21 मार्च एवं 23 सितंबर के दिन होती है।


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