मणिपुर, नव साम्राज्यवाद (New Colonialism ) एवं AFSPA-भाग-02 & Resignation of Manipur Cm N. Biren Singh

👉 प्रथम यह अध्ययन करें 👀  

मणिपुर, नव साम्राज्यवाद एवं AFSPA-भाग-01

 

     "आग घर का चूल्हा जलाने के लिए आवश्यक है लेकिन घर जलाने के लिए नहीं।"



  • विधि व्यवस्था शासन के प्राथमिक उद्देश्य में सर्वप्रथम एक निवारक शक्ति/ Deterrent Power का सृजन करना है।
Note- 
      अभी-अभी समाचार मिल रहा है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह - Manipur Cm N. Biren singh resignation - ने अपना त्यागपत्र दे दिया है तब इस घटना की परिपेक्ष में मणिपुर का एक विश्लेषण करते हैं।


जिसके द्वारा 02 लक्ष्य की प्राप्ति की जाती है-


👉  इंदिरा गांधी / INDIRA GANDHI-भारतीय राजनीति का अध्याय 👀


सामान्य रूप से कोई भी विधि यह शक्ति वहां की स्थानीय पुलिस को देती है।

अब यदि इसके अतिरिक्त- 

  1. किसी विशेष विधि के माध्यम से 
  2. एक विशेष अपराध निवारक बाल को क्रियान्वित किया गया है तो 
  3. उसका मूल कारण स्थिति विशेष अर्थात कुछ आपातकालीन परिस्थितियों का निर्माण होना होता है।

इसलिए जैसा कि मैंने प्रारंभ में कहा की-

    "आग घर का चूल्हा जलाने के लिए आवश्यक है लेकिन घर जलाने के लिए नहीं।"

मणिपुर की स्थिति भी कुछ ऐसी हो गई है जहां पर आग अब घर को जलने लगी है।

जैसा कि हमने भाग 1 में चर्चा करी-

  1. मणिपुर की वर्तमान स्थिति प्रमुख रूप से तीन सामाजिक समूह के बीच का संघर्ष का परिणाम है
  2. जिसका विभाजन भौगोलिक क्षेत्र एवं धर्म के आधार पर हुआ है।
  3. भौगोलिक क्षेत्र में दो क्षेत्र पर्वतीय क्षेत्र तथा मैदानी क्षेत्र  (इंफाल घाटी/ Imphal Valley ) का क्षेत्र आते हैं।

  • मैतेई समूह इंफाल घाटी क्षेत्र का निवासी है लेकिन उसको विधि द्वारा अनुमति नहीं कि वह पर्वतीय क्षेत्र में भूमि खरीद अथवा बेच सकता है 
  • इसके विरुद्ध पर्वतीय क्षेत्र के नागा समूह तथा "कुकी समूह" को यह अधिकार है कि वह मैदानी क्षेत्र में आकर वहां भूमि खरीद कर बस सकता है।
  • जब भाग-1 के अंतर्गत चर्चा किया गया अस्तित्व के संकट का विषय सामने आता है तब समुदाय के बीच में संघर्ष प्रारंभ होता है
  • मणिपुर का यह संघर्ष वास्तव में इन 03 समूह के धार्मिक विभाजन के आधार पर हो रहा है
जहां 

  1. क्षेत्रीय विविधता तथा 
  2. ड्रग्स का अवैध व्यापार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 AFSPA -




  1. घोषित अशांत क्षेत्र में लगाया जाता है 
  2. जहां इसका मुख्य उद्देश्य है अर्ध सैनिक बलों के माध्यम से स्थानीय पुलिस की सहायता करना है।
  3. अंतिम उद्देश्य विधि व्यवस्था की स्थापना सुनिश्चित करना होता है
  4. इस विधि व्यवस्था की स्थापना के लिए  AFSPA के अंतर्गत पुलिस को विशेष अधिकार दिए जाते हैं।

 

आईए AFSPA इतिहास और इस के कुछ विशेष बिंदु जान लेते हैं -

  • द्वितीय विश्व युद्ध/ 2nd WORLD WAR चल रहा था तथा ब्रिटिश प्रशासन इसमें व्यस्त है।
  • भारत के Viceroy थे Linlithgo
  • इन्हीं के समय में क्रिप्स मिशन/ Cripps Mission भारत आया तथा भारत छोड़ो आंदोलन/ Quiy India Movement (QIM) प्रारंभ हुआ।
  • ब्रिटिश सरकार भारत में विद्रोह की स्थिति नहीं चाहती थी परिणाम स्वरूप 08/08/1942 को Armed Force  (Special Power) Ordinance -1942 लाया गया 
  • जिसमें अंतिम रूप से विद्रोहियों को मारने तक की अनुमति दे दी गई।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार ने इसका अस्तित्व बनाए रखा
कालानुक्रम/ Chronology

  1. वर्ष 1958- Armed Force Special Power (Assam and Manipur) Act- 1958
  2. वर्ष 1983- Armed Force Special Power (Punjab and Chandigarh) Act-1983
  3.  वर्ष 1990- Armed Force Special Power (Jammu and Kashmir) Act- 1990 लाया गया।


  • इसके क्रियान्विन के लिए आवश्यक है कि संबंधित क्षेत्र को अशांत क्षेत्र घोषित किया जाए
  • खंड /Section-3 के अंतर्गत अशांत क्षेत्र अर्थात 
  1. राज्य के विरुद्ध विद्रोह या 
  2. आतंकवाद की घटनाओं का होना।

👉 राजव्यवस्था अध्ययन 👀


अशांत क्षेत्र/ Disturbed Area घोषित करने की शक्ति -

  1. केंद्रीय गृह मंत्रालय 
  2. राज्य के राज्यपाल तथा 
  3. केंद्र शासित प्रदेश के संदर्भ में वहां के प्रशासक के पास होती है।

        इसलिए प्रावधान के अंतर्गत राज्य की प्रशासनिक पुलिस को सहायता करने के लिए अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति उसे क्षेत्र में की जाती है

NOTE- 

  • AFSPA को संवैधानिक मान्यता अनुच्छेद/ Article- 355 के माध्यम से मिलती है जहां अनुच्छेद कहता है कि

      बाह्य अतिक्रमण से अथवा या फिर आंतरिक अशांति से राज्य को सुरक्षा देना केंद्र का दायित्व होगा।

 

अन्य प्रावधान-

  1. खंड /Section- 4 के अंतर्गत यह सशस्त्र बलों को एक खुली छूट देता है।
  2. यदि कोई व्यक्ति विधि की अवहेलना करता है तो अनुयक्ति पत्र/ Warrant के बिना किसी पूर्व सूचना की व्यक्ति को बंधक बनाया जा सकता है।
  3. इसके साथ ही बिना पूर्व सूचना के आवास की तलाशी भी ली जा सकती है।
  4. यदि सैन्य बलों को लगता है कि संबंधित आवासीय परिसर में आतंकवादी छुपे हुए हैं या छुपने वाले हैं तो वह उसका विध्वंस तक कर सकते हैं।

  • इन सभी गतिविधियों के संबंध में विधि के माध्यम से सैन्य बलों को सभी सुरक्षाएं प्रदान की गई है।
  • इस प्रकार यदि सैन्य बलों पर उत्पीड़न का कोई आरोप भी लगता है तो अभियोग चलाने से पूर्व केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है।
  • प्रति 06 माह के अंतराल पर इस की समीक्षा निरीक्षण होता है कि इस विशेष विधि की हमें आवश्यकता है अथवा नहीं।

 

नव साम्राज्यवाद के अंतर्गत -

  1. पाकिस्तान चीन/ China, 
  2. नेपाल/ Nepal का राजनीतिक नेतृत्व
  3. म्यांमार/ Myanmar की कम्युनिस्ट सेना तथा प्रशासन एवं 
  4. बांग्लादेश/ Bangladesh की ओर से भारत की भौगोलिक एकता को खंडित होने का संकट है।
निष्कर्ष/ Conclusion

  1. यह एकमात्र स्थानीय संघर्ष नहीं बचा है 
  2. क्योंकि कुकी समूह के द्वारा RPG ROCKET LAUNCHER तथा DRONE तक का उपयोग इस संघर्ष में किया जा रहा है।
  3. भारत की 140 करोड़ की जनसंख्या जिधर भी जाएगी विश्व में उस धर्म का एक छत्र राज होगा

इसलिए -

  1. E#सा#Eवा+द,  
  2. मु#स्लि@@वा+द तथा 
  3. साम्यवा+द यह तीन शक्तियां सक्रिय हैं 
  4. कि किस प्रकार से भारत को खंडित कर नव साम्राज्यवाद वाली नीतियों के अंतर्गत भारत को परिवर्तित किया गया।

यही कारण है कि -

  1. आपका ध्यान में आएगा भारत के उत्तर मैदान और पर्वतीय क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या में मु#स्लि#@वा+द  धर्म परिवर्तन करवा रहा है 
  2. जबकि भारत के आदिवासी क्षेत्र और विशेष रूप से उत्तर पूर्व राज्यों में E#सा#Eवा+द बहुत तेजी से फैला है और लगभग पूरा उत्तर पूर्वी E#सा#Eवा+द में परिवर्तित हो गया है। 

    "क्योंकि धर्म की इस लड़ाई के लिए धार्मिक संख्या बल आवश्यक है और यही आज पर्याप्त धार्मिक संख्या बल संघर्षरत है।"

 

    "आदर्श नीतियों से घर नहीं चलते तो राज्य कैसे चलेंगे इसलिए कठोर विधि स्थापना की आवश्यकता है और होनी चाहिए।"


राजनीतिक परिभाषा में -

  1. सरकार होते हुए अथवा ना होते हुए भी राज्य का अस्तित्व बना रहता है
  2. व्यक्ति आते हैं और जाते हैं लेकिन राष्ट्र अपने स्वरूप एवं अस्तित्व के साथ बना रहना चाहिए


मैं संभवत संकेत के माध्यम से कहने का प्रयास कर रहा है कि-

  1. किस स्तर के कठोर कदम राज्य शासन और प्रशासन को लेने होंगे।
  2. भारत की संस्कृत में बली की व्यवस्था रही है ताकि सब कुछ सामान्य चला रहे। 
  3. यह संकेत पर्याप्त है अंतिम रूप से अपने विचार को प्रकट करने के लिए।

न शब्दों के साथ अपने विचारों को विराम दूंगा।

धन्यवाद।

🙏🙏.....


👉 NCERT-भूगोल-कक्षा-07👀

1.                 अध्याय-01                 

2.                 अध्याय-02               

3.                 अध्याय-03               

4.                 अध्याय-04      

5.                 अध्याय-05        

6.                 अध्याय-06       

7.                 अध्याय-07

8.                 अध्याय-08

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