NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय-08
प्रधान शब्दावली
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मौसम
- हमारा वायु मंडल जोकि विभिन्न प्रकार की
- गैस
- जलवाष्प तथा
- धूल का मिश्रण है
- उसमें दिन प्रतिदिन के अंतर्गत होने वाले परिवर्तन को दिन का मौसम कहते हैं।
- वायुमंडल में
- गैस की सांद्रता
- जलवाष्प की मात्रा एवं
- धूल कणों की उपलब्धता दिन प्रतिदिन के अंतर पर परिवर्तित होती है, इसमें तापमान वर्षा एवं सूर्य किरण का विकरण प्रमुख कारण है।
- जिसके परिणाम स्वरूप 1 दिन का वायुमंडल दूसरे दिन के वायुमंडल से भिन्न हो सकता है दिन प्रतिदिन के अंतर पर होने वाली इस भिन्नता को ही मौसम कहते हैं।
जलवायु
- क्षैतिज स्थान पर किसी एक विशेष स्थान के जो औसत मौसम संबंधी आंकड़े अथवा गतिविधियां रहते हैं उसे वहां की जलवायु कहते हैं।
भारत की प्रमुख ऋतु
- पृथ्वी का अपने अक्ष पर झुके होने के कारण तथा
- दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करने के कारण पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन होते हैं।
- इसी संदर्भ में पृथ्वी पर भारत में 1 वर्ष में क्रम से चार ऋतु आती है
- ग्रीष्म ऋतु 1 मार्च से 15 जून तक
- मानसून ऋतु 15 जून से 15 सितंबर तक
- शरद ऋतु 15 सितंबर से 30 नवंबर तक तथा
- शीत ऋतु 1 दिसंबर से 28 फरवरी तक।
लू
- यह एक प्रकार की भारत में स्थानीय पवन है जोकि ग्रीष्म ऋतु में चलती है।
- "पवन अर्थात वह वायु जो किं अधिक दाब के क्षेत्र से कम दाब आपके क्षेत्र की ओर क्षैतिज स्तर पर एक निश्चित दिशा में चलती है।"
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स्थानीय जलवायु निर्धारण कारक
- किसी भी स्थान की जलवायु उस स्थान की
- भौगोलिक स्थिति
- ऊंचाई
- समुद्र से दूरी तथा
- भूमि उच्चावच पर निर्भर करती है।
मौसिनराम
- मेघालय राज्य की खांसी नामक पहाड़ी में स्थित यह स्थान विश्व का सर्वाधिक वार्षिक वर्षा वाला स्थान है जहां की औसत वर्षा लगभग 1200 सेंटीमीटर है।
जैसलमेर
- वार्षिक वर्षा की दृष्टि से राजस्थान में स्थित जैसलमेर सर्वाधिक शुष्क स्थान है जहां की वार्षिक औसत वर्षा लगभग 21 सेंटीमीटर की है।
- ऐसा भी होता है कि कई बार यहां वर्षा 0 सेंटीमीटर तक रहती है।
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पादप जीवन
- प्राणी जीवन से अलग प्राकृतिक वनस्पति जीवन जैसे कि
- झाड़ी
- वृक्ष एवं
- विभिन्न प्रकार की औषधि एवं
- जड़ी-बूटी मिलकर पादप जीवन बनाती हैं।
झाड़ी
- झाड़ी अर्थात एक ऐसा पौधा जिसका मुख्य तना कठोर होता है और छोटी शाखाओं में विभाजित हो जाता है।
- एवं इसकी औसत ऊंचाई 2 अथवा 3 मीटर से अधिक नहीं होती है।
वृक्ष
- जिस की ऊंचाई न्यूनतम ऊंचाई 3 मीटर से अधिक होती है तथा
- मुख्य तना झाड़ी के समान ही कठोर होता है,
- किंतु इसका विभाजन ऊपरी भाग में ही होता है।
प्राकृतिक वनस्पति
- जिसका पोषण प्राकृतिक रूप से हुआ है अर्थात जिस में मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता।
- उदाहरण के लिए मनुष्य के द्वारा भूमि में अथवा गमले में लगाए गए पौधे प्राकृतिक वनस्पति का भाग नहीं है क्योंकि प्राकृतिक वनस्पति का अंकुरण एवं विस्तार प्रकृति के माध्यम से ही किया जाता है।
- जल वायु की विभिन्नता के साथ भारत में प्राकृतिक वनस्पति भी भिन्न भिन्न रूप की पाई जाती है।
वन के लाभ
- वन प्राकृतिक वनस्पति के स्थानों पर अपनी जड़ों के द्वारा मिट्टी को बांधकर उसके अपरदन को रोकते हैं।
- प्रकृति में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के मध्य संतुलन बनाए रखते हैं।
- ईंधन की उपलब्धता, पशुओं के लिए चारा, विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटी तथा पशु, पक्षी, सरीसृप एवं अन्य प्रकार की जीवन को प्राकृतिक निवास उपलब्ध कराते हैं।
राष्ट्रीय पशु
- उपलब्धता
- भौगोलिक विस्तार,
- इतिहास,
- उसके चरित्र तथा संस्कृति में तार्किकता एवं उपयोगिता के आधार पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है
राष्ट्रीय पक्षी
- उपलब्धता
- भौगोलिक विस्तार,
- इतिहास,
- उसके चरित्र तथा संस्कृति में तार्किकता एवं उपयोगिता के आधार पर
- मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया है।
राष्ट्रीय उद्यान/ National Park
- राष्ट्रीय उद्यान एक प्रकार का एक संरक्षित क्षेत्र होता है जिसका पोषड़ प्रजाति विशेष के संरक्षण के लिए वह की शासन प्रणाली द्वारा किया जाता है।
पशुविहार/ Sanctuary
- राष्ट्रीय उद्यान के सामान् इनका उद्देश्य भी प्रजातियों के संरक्षण के संबंध में रहता है लेकिन राष्ट्रीय उद्यान की तुलना में यहां पर लगने वाले संरक्षण के नियम कम कठोर होते हैं।
- जैसे कि अभयारण्य क्षेत्र में
- पशुओं के लिए चराई अथवा
- मानव गतिविधियों की अनुमति दे दी जाती है जो कि राष्ट्रीय पार्क में यह पूर्ण रूप से वर्जित है।
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र/ BioSphere Reserve
- वर्ष 1971 में यूनेस्को के द्वारा जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र संकल्पना का श्रीगणेश किया गया था।
- मूल उद्देश्य जीवन के सभी पक्ष अर्थात वनस्पति वन्य जीव एवं मानव के अंतर संबंधों के परिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण एवं पोषण करना है।
- इसका विस्तार एक वृहद भूखंड पर होता है जिसके अंतर्गत जैव विविधता संरक्षित की जाती है।
बाघ परियोजना/ Project Tiger
- वर्ष 1973 में भारत सरकार के द्वारा बाघ संरक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था।
- प्राथमिक रूप से यह कार्य बंगाल टाइगर के प्राकृतिक आवास तथा उसके संरक्षण के लिए किया गया था।
- इसका मूल उद्देश्य उन कारणों को समाप्त करना है जिसके कारण प्राकृतिक आवास एवं प्रबंधन को हानि पहुंच रही है।
हस्ति परियोजना Project Elephant
- वर्ष 1992 में भारत सरकार के द्वारा प्रोजेक्ट एलिफेंट प्रारंभ किया गया था जिसका मूल उद्देश्य
- हाथी उसके प्राकृतिक आवास एवं क्षेत्र का संरक्षण करना तथा
- उन उपायों का प्रयोग करना है जिसमें मनुष्य और वन्य जीव के मध्य कम से कम संघर्ष हो।
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