NCERT-भूगोल-कक्षा-07-अध्याय-02
प्रधान शब्दावली
संकेंद्रण परत/ CONECNTRIC LAYERS
· हमें ज्ञात है कि हमारी पृथ्वी एक गोलाकार आकृति में है तथा पृथ्वी की आंतरिक संरचना में अनेक प्रकार से विभिन्नता है।
· यह विभिन्नता हमें परत के रूप में मिलती है जोकि पृथ्वी के केंद्र को केंद्र मानकर उसके चारों लिपटी हुई रहती हैं।
· इन्हीं ही संकेंद्रण परत कहते हैं।
भू पर्पटी/ CRUST
· इन्हीं संकेंद्रण परत में पृथ्वी की सबसे बाहरी परत, जिस पर हम लोग निवास करते हैं, उसे भूपर्पटी कहते हैं।
· पृथ्वी की भूपर्पटी एक ठोस एवं भंगुर संरचना है।
महादीप संहति एवं समुंद्री सतह/ CONTINENTAL MASS & OCEAN SURFACE
· पृथ्वी की भूपर्पटी मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है –
01- ठोस एवं स्थलीय भाग महादीप संहती तथा
02- समुद्री सतह।
· महाद्वीप के भाग पर भूपर्पटी की औसत मोटाई लगभग 35 किलोमीटर है जबकि समुद्री सतह पर इसकी औसत मोटाई लगभग 5 किलोमीटर है।
सियाल एवम् सीमा/ SIAL & SIMA
· भूपर्पटी की महाद्वीपीय संगठित खनिज संरचना में सिलीकेट /SILICATE (Si) तथा एलुमिनियम /ALUMINIUM (Al) खनिज तत्व मिलते हैं जिसे समग्र रूप से सियाल SiAl बोला जाता है।
· इसी प्रकार समुद्री सतह की संरचना में सिलीकेट एवं मैग्नीशियम के खनिज मिलते हैं जिन्हें समग्र से सीमा / SiMa कहा जाता है।
प्रवार/ Mantle
· पृथ्वी की आंतरिक संरचना की मैं भूपर्पटी के पश्चात जो लगभग 2900 किलोमीटर मोटी परत मिलती है जिसका कुल द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 84% है, उसे प्रवार कहते हैं।
क्रोड /Core
· इसी प्रकार पृथ्वी की आंतरिक संरचना में प्रवार के पश्चात, जो लगभग 3500 किलोमीटर मोटी परत मिलती है, उसे क्रोड / CORE कहते हैं ।
· यह पृथ्वी के कुल द्रव्यमान का 15% है।
खनिज/ MINERAL
· पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले वह पदार्थ जिनका
01- निश्चित भौतिक गुणधर्म एवं
02- एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है खनिज कहलाते हैं।
👉 अन्य विषय की अध्ययन
सामग्री के लिए साइटमैप देखें 👀
शैल/ ROCK
· यह वह प्राकृतिक खनिज है जोकि प्रकृति की भूपर्पटी पर प्राकृतिक पिंड के रूप में मिलते हैं।
· परपटी पर मिलने वाले शैल विभिन्न रंग आकार एवं रासायनिक एवं भौतिक संगठन के हो सकते हैं।
अग्नि शैल/ IGNEOUS ROCK
· वह शैल जिनका निर्माण पृथ्वी की आंतरिक संरचना से निकलने वाले लावा से होता है आग्नेय शैल कहलाते हैं।
· इन्हें प्राथमिक शैल भी कहते हैं।
बहिर्भेदी अग्नि शैल/ ENDOGENIC IGNEOUS ROCK
· वह अग्नि शैल जिनका निर्माण पृथ्वी की सतह पर लावा जमने के परिणाम स्वरूप होता है उन्हें बहिर्भेदी आग्नेय शैल कहते हैं ।
· बैसाल्ट इन शैल का उदाहरण है।
· इनकी संरचना में अत्यधिक महीन दाने मिलते हैं।
· भारत का दक्षिण का पठार इन्हीं शैल का बना हुआ है।
अंतर्वेदी आग्नेय शैल/ IGNEOUS ROCK
· बहिर्भेदी शैल के विपरीत वह शैल जिनका निर्माण लावा जमने के कारण सतह के भीतर होता है उन्हें अंतर्वेदी अग्नि शहर कहतेहै।
· इनकी संरचना में दाने तुलनात्मक रूप से बड़े होते है।
· ग्रेनाइट ऐसे ही शैल का उदाहरण है।
अवसादी शैल/ SEDIMENTARY ROCK
· कालांतर में अग्नि शैल
- क्षरद एवं
- अपरदन की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जातेहै जिन्हें अवसाद कहतेहै।
· यह अवसाद जब नमी की उपस्थिति में किसी एक स्थान पर निक्षेपित हो जाते हैं एवं चट्टान का निर्माण करते हैं तब उन्हें अवसादी शैल कहते हैं।
कायांतरित शैल/ METAMORPHIC ROCK
· अग्नि शैल एवं अवसादी शैल में, अत्यधिक दाब एवं ताप के प्रभाव में, रसायनिक परिवर्तन होता है तथा परिणाम स्वरूप वह कायांतरित शैल में परिवर्तित हो जाते हैं।
👉 आने
वाले अध्याय 👀
अध्याय- 02
अध्याय- 03
अध्याय- 04
अध्याय- 05
अध्याय- 06
अध्याय- 07
अध्याय- 08
शैल चक्र/ ROCK CYCLE
· अग्नि शैल, अवसादी शैल तथा कायांतरित शैल में अत्यधिक ताप एवं दाब के प्रभाव में निरंतर रेडियो एक्टिव क्षरण होता है तथा जिसके परिणाम स्वरूप यह पुनः पिघल कर द्रवित मैग्मा में परिवर्तित हो जाते हैं।
· जहां से पुनः लावा के उत्तखलन स्वरूप अग्नि शैल का निर्माण होता है और इस प्रकार से यह चक्र निरंतर चल रहा है जिसे चट्टान चक्र या शैल चक्र कहते हैं।
👉 यह भीअध्ययन करें 👀
Comments