क्यों हुआ ईरान इजरायल का युद्ध विराम - Ceasefire ? !! Donald Trump का शांति का नोबेल पुरस्कार (Nobel prize) !! ऑपरेशंस सिंदूर !! मध्य पूर्व - MIDDLE EAST- का इस्लामी नेतृत्व संकट
अनुक्रमणिका-
- "हमने अपनेलक्ष्य प्राप्त किया❓"
- इसराइल ने आक्रमण क्यों किया❓
- अमेरिका ने साथ क्यों दिया❓
- विश्व को क्या मिला❓
- भारत के लिए किस प्रकार लाभकारी❓
- अंतरराष्ट्रीय कूटनीति क्या सोचती है❓
- निष्कर्ष
इसराइल (Isreal) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू- Benjamin Netanyahu- की ओर से एक वक्तव्य दिखाया जा रहा है कहा गया है कि -
- "हमने अपना लक्ष्य प्राप्त किया" -
यह वही वक्तव्य है जो कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की ओर से दिया गया था जहां बोला गया कि,
-"हमने
(भारत ने) अपने लक्ष्य प्राप्त किया"।
अब यदि भारत के लक्ष्य की बात करी जाए तो -
- पाकिस्तान में जितने भी आतंकवादी संगठन चल रहे थे
- उनकी "भू- अवसंरचना" (
On
Ground Infrastructure and Launching Pad) को नष्ट करना था।
- भारत ने ठीक वैसा ही किया
- अत्यधिक सटीक लक्ष्य
के साथ जहां पर आतंकवादी संगठन चलाए जा रहे थे उन सभी (समस्त) स्थान पर भारत की ओर से आक्रमण किया गया।
Note-
- एक अनुमान के अनुसार 700 के लगभग आतंकवादियों की मृत्यु वहां पर हुई।
- इसी संबंध में भारत सरकार तथा
प्रधानमंत्री की ओर से वक्तव्य दिया गया था कि हमने कम से कम 100 आतंकवादियों को मारा है।
इसके बाद जो भी "ऑपरेशन सिंदूर"
के अंतर्गत आक्रमण और प्रति आक्रमण हुए वह पाकिस्तान की ओर से प्रारंभ करे करें
गये थे,
क्योंकि भारत ने कहा था कि, "हमने आतंकवादी संगठन नष्ट कर दिए हैं अब
यदि पाकिस्तान को प्रतिक्रिया करता है तो उसका उचित उत्तर दिया जाएगा।"
और फिर इसी उचित उत्तर में हमने पृथ्वी
मिसाइल (Prithvi Missile ) से पाकिस्तान पर आक्रमण कर उसकी वायु सेवा को निष्क्रिय कर दिया।
फिर हम यही नहीं रुके लेकिन जहां-जहां पाकिस्तान के परमाणु हथियार रखे हुए थे वहां पर भी आक्रमण
किया ताकि भविष्य में पाकिस्तान परमाणु हथियारों की धमकी ना दे सके।
इस प्रकार कुल मिलाकर परिणाम यह निकला कि -
- भारत की ओर से अंतिम वक्तव्य है कि, "हमने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है",
जिसके अंतर्गत-
- आतंकवादी संगठनों की अवसंरचना को ध्वस्त करना
- पाकिस्तान की वायु सेवा को निष्क्रिय करना
- पाकिस्तान के "परमाणु हथियारों स्थलों- Nuclear Weapons Sites -" को निष्क्रिय कर समाप्त करना, एवं
- वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को एक बार पुनः आतंकवादी देश के रूप में वैश्विक पटल पर लेकर आना।
यह कुल मिलाकर भारत के लक्ष्य थे जिनकी
प्राप्ति ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत करी गई।
तो जब इजरायल के प्रधानमंत्री कहते हैं कि, "हमने अपने लक्ष्य प्राप्त करें तो इसका क्या अर्थ है??🤔🤔
मैंने पिछले लेख में इस विषय को लेकर चर्चा करी थी कि अंतरराष्ट्रीय वाद-विवाद अथवा युद्ध के क्या कारण हो सकते हैं।
उपरोक्त चित्र के माध्यम से हम उन पांच
कारण को देख सकते हैं।-
- इसराइल और ईरान के मध्य है यहां पर दो कारण कार्य कर रहे थे।
- प्रथम प्रभुत्व का जहां पर ईरान एक इस्लामी प्रभुत्व पूरे मध्य पूर्व पर देखा है।
- क्योंकि ईरान इस्लामिक समाज का नेतृत्व करना चाहता है इसके लिए आवश्यक है कि वह इस्लामी समाज में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करें
- संपूर्ण इस्लामी समाज में जो एक देश सबको खटकता है वह यहूदियों का देश इजराइल है
NOTE-
इसलिए ईरान इजरायल को समाप्त करके इस्लामी
जगत में सुरक्षा का संकेत दे कर यह सुनिश्चित करेगा की इस्लामी जगत का नेतृत्व
उसके पास हो।
इस कारण से अब यह विषय इजरायल के लिए
अस्तित्व का विषय बनता है।-
- वर्ष 1948 में इजराइल देश के संघर्ष के बाद अस्तित्व में आया
- यदि इस बार यह देश उस छूट गया तो
यहूदी समाज एक देश विहीन समाज बनकर इस दुनिया में रह जाएगा।
- आप इस तथ्य को इस भावना के साथ समझ सकते हैं कि कोई आपके घर को नष्ट करके आपको "घर विहीन" कर दे।
- तो यह आपके लिए अस्तित्व का संकट है।
- ईरान का परमाणु हथियार कार्यक्रम इसराइल को इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किया जाने वाला कार्य लग रहा है।
- जिसके आधार पर ईरान इस्लामी जगत में सबसे बड़ा देश परमाणु हथियार के साथ बन जाता और इस्लामी जगत का नेतृत्व लेने के लिए वह सर्वप्रथम इसराइल को लक्ष्य बनाएगा।
- इसलिए इजरायल के लिए आवश्यक था कि अपने अस्तित्व को बचाकर रखने के लिए वह ईरान पर आक्रमण कर उसके "परमाणु हथियार स्थलों" को नष्ट कर दे।
यह क्षमता अभी इज़राइल के पास नहीं है
लेकिन उसके पास अमेरिका है जिसके पास यह क्षमता है। 👍👍
प्रश्न है अमेरिका ऐसा क्यों करेगा तो उसका सीधा सा उत्तर है-
- अमेरिकी समाज में एक बड़ी संख्या में करोड़पति और अरबपति यहूदी।
- जोकि धन बल के माध्यम से अमेरिका की राजनीति को इसराइल के पक्ष में बहुत अच्छे तरीके से प्रभावित करते हैं।
और इस प्रकार इसराइल ने ईरान की परमाणु
हथियार कार्यक्रम को नष्ट करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति करी ताकि उसका अस्तित्व
सुरक्षित एवं सतत रहे।
अब प्रश्न यह है युद्ध विराम घोषणा से
किसको क्या मिला ❓🧐🧐
-
- इसराइल ने अपने अस्तित्व को सुरक्षित किया।
- अमेरिका ने दो प्रकार की सुरक्षा प्राप्त करी
- पहले इजराइल का साथ देकर यहूदियों का राजनीतिक आर्थिक समर्थन तथा
- दूसरा अब उस
के राष्ट्रपति Donald Trump पुनः कहेंगे, जैसे कि ऑपरेशन सिंदूर के परिपेक्ष में भारत और पाकिस्तान (India
-& Pakistan) को लेकर कहा था, कि मैंने
शांति स्थापित करवा दी है और इस प्रकार "नोबेल शांति का पुरस्कार ( NobelPeace Prize )" मिलने की अपनी संभावना को और प्रबल करेंगे।
- विश्व को मिली "ऊर्जा सुरक्षा" क्योंकि अब "हारमुज़ की जलसंधि (Straits of Hormuz) को ईरान बंद नहीं करेगा।
- ऊर्जा सुरक्षा इसलिए क्योंकि प्रतिदिन
"फारस की खाड़ी" ( The Persian gulf / Arabian gulf ) से
लगभग पूरे विश्व को 30% के आसपास कच्चे तेल और
गैस का निर्यात होता है तथा विश्व का लगभग 49% तेल भंडार
यहां पर है।
भारत को प्राथमिक रूप से क्या मिला❓
- भारत को मिला अपना राजनायिक संतुलन।
- क्योंकि चाबहार पत्तन (Port) तथा "भारत मध्यपुरर्व यूरोपीय आर्थिक गलियारा - India Middle East Europe Economic Corridor- IMEC" के लिए यह आवश्यक है कि ईरान में स्थिरता बनी रहे, और
- यह तब और भी भारत के पक्ष में है कि ईरान बिना परमाणु हथियार के स्थिर बना रहे हैं।
अंत में इससे ईरान को क्या मिला-
- इस्लामी जगत में नेतृत्व को लेकर विवाद है लेकिन इस विवाद में ईरान को समर्थन प्राप्त नहीं है।
- ईरान संभवत समझ पाए कि परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र होना उसके आर्थिक हि में नहीं है।
अंत में मैंने यह समझा कि अंतरराष्ट्रीय
कूटनीति जितनी अधिक सीधी दिखती है उसके ठीक विपरीत उससे कहीं अधिक जलेबी नहीं
अपितु इमरती के समान गूण है।
वस्तुतः यह ऐसी स्थिति है जो सबके लिए इस
समय सकारात्मक अनुकूल है।
जो एक देश निराशा है उसका नाम ईरान है अब
देखना यह होगा कि क्या वह पुनः भविष्य में परमाणु हथियार संपन्न देश बनने के मार्ग
पर प्रशस्त होगा अथवा नहीं❓❓🤔🤔
🙏🙏
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