प्रधानमंत्री का "साइप्रस/ Cyprus" दैरा (परिदर्शन / अभ्यागमन) तुर्की वाला पाकिस्तान साइप्रस वाला भारत !! IMEC !! UNSC-SECURITY COUNCIL SEAT !! तुर्की (TURKEY) का संतुलन

 

अनुक्रमणिका-

  1. राजनीतिक दर्शन सिद्धांत
  2. साइप्रस का संक्षिप्त इतिहास एवं वर्तमान स्थिति
  3. भारत और साइप्रस के संबंधों का इतिहास
  4. साइप्रस और भारत का पारस्परिक महत्व
  5. निष्कर्ष



राजनीति में सामान्य रूप से एक सिद्धांत चलता है, यद्यपि यह राजनीति शास्त्र का सिद्धांत नहीं है, कि "शत्रु का शत्रु मित्र होता है।"

प्रथम दृश्यता 

  1. यदि इस सिद्धांत को समझें तो "साइप्रस/CYPRUS (With Capital NICOSIA)" के साथ संबंध रखने में यह सिद्धांत लागू होता है।
  2. किंतु यदि भारत का चरित्र देखें तो भारत इस सिद्धांत का पालन मूलतः करता नहीं है वह भी तब जब हम भारत और साइप्रस के ऐतिहासिक संबंधों का अध्ययन करते हैं 
  3. तब यह तथ्य स्पष्ट रूप से सामने आता है जहां साइप्रस को मान्यता भारत के द्वारा वर्ष 1962 में ही प्रदान कर दी गई थी जब साइप्रस की स्वतंत्रता का दूसरा वर्ष चल रहा था।


साइप्रस की यदि भौगोलिक स्थिति की चर्चा करें तो 

  1. ध्यान में आता है कि यह "भूमध्य सागर/Mediterranean sea" के पूर्व में स्थित एक छोटा द्वीपीय देश है।
  2. इस द्वितीय देश के निकटता दो प्रमुख देशों से है प्रथम तुर्की तथा दूसरा इजरायल।
  3. रक्षा की दृष्टि से इन दोनों देशों का महत्व भारत के लिए भिन्न है।
  4. जहां इजरायल इतिहास से वर्तमान तक अर्थात ऑपरेशन "सिंदूर" तक भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहता है 
  5. जबकि तुर्की जिसको "ऑपरेशन दोस्त/ Operation DOST" के समय में, तुर्की भूकंप आने की स्थिति में, भारत सहायता पहुंचाने वाला प्रथम देश था 
  6. उसने ऑपरेशन सिंदूर में भारत को मारने के लिए अपने "DRONES" पाकिस्तान के द्वारा भेजे थे।
  7. ऐसा नहीं है कि भारत तुर्की का चरित्र नहीं जानता था लेकिन जो हम जानते थे वह "वसुधैव कुटुंबकम" था अर्थात जो समस्या में है पहले उसकी सहायता करो तो यदि वह शत्रु भी है तो पहले शत्रु को संभालो।

NOTE- 🤣🤣 वैसे भी लड़ाई का आनंद तभी है जब शत्रु जीवित है। और मैं यहां पर धर्मपत्नी के विषय में बात बिल्कुल भी नहीं कर रहा हूं। 🤣🤣

 

साइप्रस के इतिहास पर दृष्टिपात करें तो -

  1. वर्ष 1571 में यह देश ऑटोमन साम्राज्य के अधीन आता है
  2. वर्ष 1878 से यहां पर "ब्रिटिश उपनिवेशवाद/ British Colonisation" प्रारंभ होता है
  3. वर्ष 1960 में यह देश स्वतंत्र होता है
  4. वर्ष 1974 में यहां ग्रीस के समर्थन से "सैन्य तख्तापलट/Military Coup" का प्रयास हुआ।
  5. वह प्रयास तो असफल रहा किंतु इस प्रयास ने तुर्की को एक अवसर दिया और तुर्की ने यहां पर अपनी सेना को भेज कर इसके उत्तरी भाग के लगभग एक तिहाई भाग पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया।

परिणाम स्वरूप आज साइप्रस चार भागों में विभाजित है।
  1. जहां पर उत्तर का भाग तुर्की के पास 
  2. दक्षिण का भाग "साइप्रस गणतंत्र" के पास 
  3. एक भाग पर संयुक्त राज्य की शांति सेना तथा 
  4. चौथा भाग पर आज भी ब्रिटिश क्षेत्र अस्तित्व में है।

परिणाम स्वरूप आज भी साइप्रस विभाजित है और यह पीड़ा साइप्रस के लोगों के मन में है।


तुर्की और पाकिस्तान की समानता यह है कि -

  1. साइप्रस की स्वतंत्रता के ठीक बाद, जैसे कि पाकिस्तान ने भारत के स्वतंत्रता के ठीक बात कश्मीर पर आक्रमण किया 
  2. वैसे ही तुर्की ने भी स्वतंत्रता के ठीक बाद साइप्रस पर आक्रमण किया था।

Turkey -&- Cyprus


  1. साइप्रस ईसाई धर्म को मानने वाला देश है जबकि तुर्की एक इस्लामिक देश है।
  2. यह कट्टरता और अपना प्रभुत्व स्थापित करने की वह पीड़ा है जिसमें तुर्की आज भी साइप्रस को "ऑटोमन साम्राज्य" का एक प्रांत मानकर उस पर अपना ऐतिहासिक अधिकार मानता है।
  3. इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि तुर्की और साइप्रस की ठीक वही स्थित है जो भारत और पाकिस्तान की है शासन के स्तर पर भी औरसामान्य व्यक्ति के स्तर पर भी

 

साइप्रस के लिए भारत का महत्व-


  1. अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक संबंध एवं अपनी स्थिति को सशक्त करने के लिए भारत की आवश्यकता।
  2. भारत का साथ होने का अर्थ है वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक ऐसा मित्र जिस पर आप आंख बंद करके विश्वास कर सकते हैं।
  3. भारत खादी के देश तथा यूरोप के देश मिलकर "भारत मध्यापुर यूरोप गलियारा/ INDIA MIDDLE EAST EUROPE CORRIDOR - IMEC" का निर्माण कर रहे हैं जिसमें भूमध्य सागर में प्रवेश करते ही साइप्रस एक महत्वपूर्ण स्थान एक देश बनता है और इस प्रकार साइप्रस में बड़े स्तर पर करोड़ों डॉलर का निवेश होने वाला है।
  4. भारत का साथ होने पर साइप्रस अमेरिका तथा अन्य देशों से सामान्य स्थिति में वार्तालाप करता है।
  5. तथा भारत के साथ व्यापारिक संबंध उसकी अर्थव्यवस्था को सशक्त करते हैं क्योंकि वर्ष  2024 मैं भारत और साइप्रस के मध्य का व्यापार $200 +million से अधिक का रहा।

 

भारत के लिए साइप्रस का महत्व-


  1. तुर्की के साथ संतुलित करने में कुल मिलाकर हिसाब किताब बराबर करने में।
  2. साइप्रस प्रतिएक अंतरराष्ट्रीय विषय पर भारत का समर्थन करता है प्रमुख रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए।
  3. साइप्रस यूरोपीय संघ का एक देश है और इस प्रकार में भारत का पक्ष यूरोपीय संघ में रखता है।
  4.     

  5. IMEC गलियारे के लिए इसराइल के बाद भूमध्य सागर में साइप्रस वह महत्वपूर्ण स्थानक है जो सीधे यूरोप तक भारत को पहुंच देगा।
  6. लेकिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात की साइप्रस के माध्यम से अब भारत तुर्की को संतुलित करेगा तथा उसको बताया कि पाकिस्तान का समर्थन करके उसने एक आर्थिक एवं राजनीतिक तथा सामरिक भूल की है।
  7. अब जबकि भारत के विरुद्ध तुर्की बांग्लादेश तथा मालदीप को अपने रक्षा उपकरण बेच रहा है भारत भी ग्रीस/ Greece और साइप्रस/ Cyprus को अपनी ब्रह्मोस/ Brahmos Missile रक्षा उपकरण बेचकर एक संतुलित सामरिक स्थिति बनाने का प्रयास कर रहा है और जिसमें भारत अधिक सफल रहेगा।

क्योंकि -

  1. संपूर्ण वैश्विक व्यवस्था में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के रक्षक कर्म का वर्चस्व स्थापित हो चुका है।
  2. खाड़ी देशों के माध्यम से यूरोप तक पहुंचाने की सार्थकता तभी है जब साइप्रस की भौगोलिक स्थिति का हम अनुपातिक उपयोग कर पाते हैं, तथा 
  3. इसके लिए आवश्यक है कि साइप्रस जो भौगोलिक दृष्टि से एक छोटा देश है भारत उसके प्रमुख तथा सर्वाधिक महत्वपूर्ण मित्र के रूप में उसके साथ खड़ा रहे 
  4. परिणाम स्वरूप साइप्रस की सहायता से हम हिंद महासागर/ INDIAN OCEAN, लाल सागर/ RED SEA तथा भूमध्य सागर/ MEDITERRANEAN SEA में अपने सामने की स्थिति को और सशक्त करेंगे।

और इस प्रकार यह मूल कारण है कि क्यों प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी से उनकी बैठक में जाने से पहले साइप्रस/Cyprus होकर जा रहे हैं।

धन्यवाद।

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