अर्थव्यवस्था की परिभाषा

            

       प्रधान शब्दावली

 

1.      मांग / Demand

2.      आपूर्ति / Supply

3.      संसाधन / Resources

4.      अर्थ / Wealth

5.      व्यवस्था / Arrangements

6.      मुद्रा / Currency

7.      प्रत्यक्ष मूल्य Face Value


मांग/Demand

  • "देश काल एवं परिस्थिति के आधार पर जिस तत्व वस्तु अथवा सेवा की हमें आवश्यकता होती है वह हमारी मांग कहलाती है।"

 

आपूर्ति/Supply

  • देश काल एवं परिस्थिति को ध्यान में रखकर हमारी मांग के अनुपात में जब तत्व वस्तु अथवा सेवा हमको उपलब्ध करवाई जाती है तो वह आपूर्ति कहलाती है।

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संसाधन /Resources

     

  

  • आपूर्ति के अंतर्गत उपलब्ध करवाए गए तत्व वस्तु अथवा सेवा जोकि हमारी आवश्यकता अर्थात मांग को संतुष्ट करता है संसाधन कहलाता है।
  • अर्थात साधारण शब्दों में जो हमारी आवश्यकता की पूर्ति करता है वह संसाधन है।

अर्थ /Wealth

  • ऋग्वेद में हमें अर्थ शब्द मिलता है जहां पर इसका साधारण रूप मैं तात्पर्य संपन्नता से है। अर्थात प्रत्येक संसाधन अर्थ है।

 

व्यवस्था Arrangements

         


01-देश काल एवं परिस्थिति के अनुसार  योजना के अंतर्गत,

02-भविष्य के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए,

03-क्रमबद्ध रूप से एक तंत्र के अंतर्गत,

04-संसाधनों को वरीयता के आधार पर उपलब्ध करवाया जाता है तो वह व्यवस्था कहलाती है।

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मुद्रा/Currency

  • अर्थव्यवस्था के तंत्र में वह माध्यम जोकि वैधानिक है अर्थात
        

01-कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है।

02-सरकार के द्वारा जारी किया जाता है।

03-जिसका अपना एक प्रत्यक्ष मूल्य होता है एवं

04-जिसके माध्यम से वस्तु एवं सेवा का विनिमय अर्थव्यवस्था के चक्र में होता है मुद्रा कहलाती है।

  • साधारण शब्दों में ह माध्यम जिसके द्वारा आप सेवा अथवा वस्तु को खरीदते अथवा बेचते हैं मुद्रा कहलाती है। 

     



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  • अर्थव्यवस्था का आरंभ उस बिंदु से होता है जब मांग एवं आपूर्ति में असंतुलन की स्थिति आती है।
  • परिणाम स्वरूप स्थिति को संतुलित करने के लिए परिस्थितियों के आधार पर उपलब्ध संसाधनों को मांग की वरीयता के आधार पर उपयोग में लिया जाता है।
  • उदाहरण के लिए आपके पास ₹100 हैं एवं आप की मांग एक ही समय में भोजन एवं वस्त्र दोनों की है लेकिन जो ₹100 का उपलब्ध संसाधन है उस में या तो भोजन या वस्त्र आ सकता है।

  • अब-

01-देश,

02-काल एवं

03-परिस्थिति के आधार पर व्यक्ति विशेष पर यह निर्भर करेगा कि वह किस को वरीयता देता है।

  • अब यदि दोनों समान आवश्यकता के हैं तो आप यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि -
  1. किसी परिचित से ₹100 और उधार लेकर अर्थात संसाधन में वृद्धि कर कर अपनी मांग की पूर्ति कर सकते है।
  2. इस प्रकार आप एक चक्र के अंतर्गत अपनी व्यवस्था का सृजन कर रहे हैं।
अर्थात अर्थव्यवस्था की परिभाषा के अंतर्गत हम यह कह सकते हैं कि-
  1. एक आर्थिक चक्र के अंतर्गत 
  2. देश,
  3. काल एवं
  4. परिस्थिति के आधार पर
  5. उपलब्ध संसाधनों का वरीयता के आधार पर उपयोग करना अर्थव्यवस्था कहलाता है।
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  • हमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी की संपूर्ण देश 3 महीनों के लिए बंद किया जा सकता है लेकिन ऐसा अपने देश एवं विश्व में हुआ।
  • क्योंकि

01-देश अर्थात स्थान,

02-काल अर्थात समय एवं

03-परिस्थिति के आधार पर हमारी मांग में परिवर्तन हुआ तथा मांग में वरीयता जीवन संरक्षण की हो गई ना की आर्थिक प्रगति की।

 

👉वर्तमानके वैश्विक विषय विवाद संकट 👀


👉 NCERT-भूगोल-कक्षा-07👀

1.                 अध्याय-01                 

2.                 अध्याय-02               

3.                 अध्याय-03               

4.                 अध्याय-04      

5.                 अध्याय-05        

6.                 अध्याय-06       

7.                 अध्याय-07

8.                 अध्याय-08


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