प्रधानमंत्री मोदी का प्रयागराज महाकुंभ स्नान! संस्कृति, सभ्यता एवं शासन के शासक की त्रिवेणी 🤝

 

👉शक्ति संतुलन 👀



संस्कृति का संबंध प्रत्यक्ष रूप मे आत्मा से बताया गया है इसलिए संस्कृति की उत्पत्ति हमारे प्राकृतिक वातावरण से प्रभावित होती है।

रामधारी सिंह दिनकर जी के अनुसार संस्कृति की एक निश्चित  परिभाषा देना अत्यधिक कठिन कार्य है परिणाम स्वरूप वृहद स्तर पर  सस्कृति को उसके लक्षणों के माध्यम से समझा जा सकता है।


       संस्कृति सभ्यता से जुड़ी हुई रहती है किंतु मौलिक रूप से यह सभ्यता से प्रथक होती है। क्योंकि मूल रूप से -

  1. सभ्यता समय के विभिन्न आयामों के साथ परिवर्तनशील है 
  2. जबकि संस्कृति का संबंध आत्मा से रहता है जोकि पीढ़ी दर पीढ़ी एक संस्था के रूप में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं।

      लेकिन इस अंतर के होते हुए भी मूलतः व्यवहारिक जीवन में संस्कृति और सभ्यता एक दूसरे से जुडकर एक दूसरे के प्रति अनुपूरक का कार्य करती हैं तथा एक प्रक्रिया के अंतर्गत एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संस्थागत रूप से हस्तांतरित होते रहते हैं।

"इस प्रकार संस्कृति उस भौतिक सभ्यता की जीवन शैली है जोकि उस सभ्यता को सुसंस्कृत एवं विजय बनाती है।"

        जब हम इस तथ्य को आगे रखते हैं की संस्कृति सभ्यता को सुसंस्कृत एवं विजई बनाती है तब इसी विषय को केंद्र बिंदु मानते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री जी के द्वारा समय-समय पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया जाता है।

     

वास्तव में किसी भी संस्कृति का-

  • जन्म,
  • पोषण एवं,
  • पुष्ट होना उसके अनुयायियों पर निर्भर करती है।

  1. स्वयं की संस्कृति का अध्ययन न करना, 
  2. ज्ञान के आधार पर उससे परिचित न हो ने पर समय के साथ संस्कृति के वाहक मनुष्य में संस्कृति दर्शन के प्रति निष्क्रियता एवं अज्ञानता लेकर आता है अर्थात संस्कृति का फलना फूलना एवं उसका सतत प्रभावशाली बने रहना उस संस्कृति के वाहक अर्थात उसमें रहने वाले मनुष्य पर निर्भर करता है 

👉  हिंदी विषय की अध्ययन सामग्री के लिए साइटमैप देखें 👀


मनुष्य का व्यवहार संस्कृति को परिवर्तनशील बनाता है। उदाहरण के रूप में -

  1. जब दो भिन्न संस्कृतियों के मनुष्य आपस में एक लंबे समय के लिए संपर्क में आते हैं 
  2. तब वे एक दूसरे की संस्कृति को प्रभावित करने का कार्य करते हैं 
  3. परिणाम स्वरूप भारतीय समाज में जब एक बड़ा वर्ग अन्य धर्मों में परिवर्तित हुआ
  4. तलाक
  5. उर्दू भाषा की उत्पत्ति
  6. एक से अधिक विवाह करना ,
  7. मूर्तिपूजा का पक्ष एवं विपक्ष का मत 
  8. नवीन देशों की स्थापना जैसे कि अफगानिस्तान,पाकिस्तान, इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा तथा बांग्लादेश के भूमि खंड का भारत से अलग होना
  9. हिंगलाज माता भवानी के मंदिर का भारतीय सीमा से बाहर जाना
  10. भारत के अनेक स्थानों पर मंदिरों पर आक्रमण होना
  11. कावड़ यात्रा मार्ग अवरोध
  12. विजयदशमी, हनुमान जन्म, उत्सव गणेश विसर्जन जैसे संस्कृति के त्योहारों पर घात लगाना,
  13. पाकिस्तान बांग्लादेश तथा अन्य  देशों में जनसंख्या का अप्रत्याशित रूप से घटना तथा 
  14. इसके ठीक विपरीत भारत में शांतिदूत की जनसंख्या का संतुलन बने रहना

    यह सभी संस्कृति परिवर्तनशीलता का परिणाम है। 

वास्तव में इन सभी उदाहरणों की पृष्ठभूमि का सबसे बड़ा दोषी समाज स्वयं में है जिसने -

  1. संस्कृति की व्यापकता का अध्ययन ठीक प्रकार से ना कर 
  2. अपने आप को सामाजिक संगठन के रूप में इतना लचीला बना लिया है की एक छोटे से अवरोध या स्वार्थ के वशीभूत वह संगठनके रूप में खंडित हो जाता है।
  3. इसके साथ ही स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात जो इतिहास भारतीय समाज में पढ़ाया गया उसके अनुसार-

  •  सांस्कृतिक सभ्यता एक निम्न स्तर की जाति व्यवस्था प्रधान तथा उत्पीड़न-आत्मक दिखाई एवं समझाई गई।
  • सर्वधर्म समभाव तथा 
  • अहिंसा परमो धर्म के आधे एवं अधूरे अर्थों के साथ 
  • जनमानस को अपनी संस्कृति के प्रति अज्ञान एवं लचीला बताया गया, तथा 
  • इतिहास कार एवं अन्य पक्ष यह समझाने में सफल रहे कि धर्म एवं संस्कृति के लिए बोलना एक प्रकार की आक्रामकता है।

          वास्तव में वैश्विक समस्या का हल एवं सहअस्तित्व केवल और केवल भारतीय संस्कृति के वचन “वसुधैव कुटुंबकम” के माध्यम से ही प्राप्त किए जा सकते हैं इसी मनोभाव को लेकर 

  • प्रधानमंत्री, 
  • वर्तमान केंद्र एवं राज्य की सरकार तथा 
  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संस्कृति के पुनर्जागरणएवं वैभव स्थापना के लक्ष्य प्राप्ति में जुटे हुए हैं।


इसी उद्देश्य के परिणाम स्वरूप-

  1. बनारस मे देव दीपावली का आयोजन,
  2. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण,
  3. काशी विश्वनाथ का पुनरुत्थान,
  4. उज्जैन महाकाल कॉरिडोर का निर्माण,
  5. केदारनाथ, बद्रीनाथ गंगोत्री आदि तीर्थ स्थलों की यात्रा के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

        07 प्रमुख देशों के कलाकार रामलीला का मंचन करने अयोध्या आए हैं जो सिद्ध करता है कि भारतीय संस्कृति का विस्तार संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप, जिसे वर्तमान स्वरूप में एशिया महाद्वीप के रूप में जानते हैं, तक था।
        सांस्कृतिक पुनरुत्थान के माध्यम से पुनः वैश्विक भारतीय संस्कृति का जागरण एवं स्थापना सांस्कृतिक संबंधों के आदान-प्रदान तथा इस प्रकार के कार्यक्रमों से हो सकता है।


भारत का उद्देश्य साम्राज्यवाद को विस्तार ना देकर वास्तव में-
  1. मूल संस्कृति से परिचय करवाना तथा 
  2. वैश्विक समस्याओं के समाधान की ओर उन्मुख है।

     

इसी क्रम में -

 


  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi 5 फरवरी ( 05/02/2025 ) को महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज प्रस्थान कर रहे है 
  2. जो आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व महाकुंभ का भारतीय संस्कृति में है उसके पोषण के लिए आवश्यक है 
  3. कि इस प्रकार के संकेत प्रधानमंत्री एवं राज्य शासक की ओर से दिए जाएं 
  4. कि धर्म का पालन करना राज्य नीति का विरोध नहीं हो सकता 
  5. जैसा कि पूर्व के प्रधानमंत्री और साम्यवादी विचारधारा के शासको द्वारा किया गया था।।

  1. जो चर्चा एवं परिचर्चा महाकुंभ के आयोजन एवं उसके महत्व को लेकर की गई है 
  2. उस सह-संबंध को स्थापित करते हुए यदि उपरोक्त लेख का अध्ययन करते हैं तो पाते हैं कि
  3. यह एक अगला चरण है जहां वैश्विक स्तर पर "वसुदेव कुटुंबकम" कि भारतीय संस्कृति की स्थापना की जाने की यात्रा में यह लोह स्तंभ स्थापित होगा।

प्रश्न किसी अन्य संस्कृति या संप्रदाय को अल्प रूप में बताने का नहीं है अपितु जो वैभव का विलोप एवं अस्तित्व का संकट मूल संस्कृति के अनुयायियों के समक्ष उत्पन्न करने की चेष्टा की गई थी यह उसका समापन चरण सिद्ध होगा।

🙏🙏.....


👉 NCERT-भूगोल-कक्षा-07👀

1.                 अध्याय-01                 

2.                 अध्याय-02               

3.                 अध्याय-03               

4.                 अध्याय-04      

5.                 अध्याय-05        

6.                 अध्याय-06       

7.                 अध्याय-07

8.                 अध्याय-08

Comments

Popular posts from this blog

NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय-01

मणिपुर, नव साम्राज्यवाद (New Colonialism ) एवं AFSPA-भाग-01 & Manipur Cm N. Biren Singh resignation

राज्य की परिभाषा-राजनीतिक