भूगोल विषय का क्रमिक विकास-01

 👉प्रथम यह अध्ययन करें 👀

👉#MORADABAD #IAS YouTube Channel Link (Handle) 👀




प्रारंभिक काल

 


भूगोल विषय के इतिहास को हम 900 BC से प्रारंभ कर सकते हैं।

900 BC से 350 AD तक के कालखंड को प्राचीन उत्कृष्ट कालखंड PRE GEOGRAPHICAL PERIOD कहा जाता है।

इस कालखंड में महत्वपूर्ण योगदान

1.   ग्रीक तथा

2.   रोमन साम्राज्य के भूगोल वैज्ञानिकों के द्वारा दिया गया जिसके अंतर्गत उन्होंने

a.    संख्या सिद्धांत,

b.   खगोल शास्त्र, Astronomy

c.    गणित तथा

d.   त्रिकोणमिति को मिस्र सभ्यता एवं मेसोपोटामिया सभ्यता से प्राप्त कर उस का क्रमिक विकास किया।

लेकिन प्रमुख रूप से थे ग्रीक सभ्यता को भूगोल विषय को परिभाषित करने तथा इसको क्रमबद्ध करने के लिए दिया जाता है। विशेष रुप से मानचित्र की गणना में किया गया योगदान।

👉अन्य विषय के लिए साइटमैप देखें 👀

 

अंधकार काल 350 -1350 AD



यह विशेष रूप से यूरोप के संदर्भ में था जहां धर्म ज्ञान के अन्य विषयों पर अपना प्रभुत्व स्थापित करता है और इस प्रकार ग्रीक तथा रोमन सभ्यता के द्वारा जिस ज्ञान का विकास किया गया था उसको पुनर रूपांतरित करके धर्म से जोड़ा गया।

इस अंधकार काल को अंधकार ज्ञान के संदर्भ में कहा गया है क्योंकि इस कालखंड में किसी भी प्रकार की वैज्ञानिक अनुसंधान इस क्षेत्र में नहीं हो पाया।

क्रिश्चियन धर्म का प्रभुत्व इस प्रकार स्थापित हुआ कि बताया गया कि जेरूसलम पृथ्वी के केंद्र में है तथा पृथ्वी एक समतल तश्तरी के समान है।

इसी कालखंड के उत्तरार्ध में 800 AD -1300 AD के बीच में अनेक-

c.    ग्रीक,

d.   लैटिन,

e.   परसियन तथा

f.      संस्कृत भाषा की पुस्तकों का अनुवाद अरब भाषा में किया गया।

इसी क्रम में -

  1. आर्यभट्ट के द्वारा रचित भूगोल की पुस्तक सूर्य सिद्धांत का अनुवाद भी अरबी भाषा में किया गया 
  2. जोकि अरब खगोल शास्त्र का एक प्रमुख पड़ाव सिद्ध हुआ।

 

पुनर्जागरण काल 1300 -1700 AD




अंधकार काल युग का समापन इस विचार के साथ हुआ की मानव सभ्यता अब और अधिक इस प्रकार के वातावरण  में निवास हीं कर सकती जहां किसी प्रकाश का अन्वेषण अथवा ज्ञान का विकास नहीं हो रहा है तथा इसी क्रम में यूरोप के भूगोलविद यूरोप से बाहर निकलना प्रारंभ होते हैं जिसमें प्रमुख हैं-

मार्को पोलो,

क्रिस्टोफर कोलंबस,

वास्को डी गामा ।

इसी कालक्रम में नए महाद्वीप जैसे कि

  1. उत्तरी अमेरिका
  2. दक्षिण अमेरिका तथा
  3. एंटार्कटिका का अन्वेषण हुआ तथा 
  4. सौर मंडल के संबंध में सूर्य केंद्रित सिद्धांत, जो कि कॉपरनिकस के द्वारा दिया गया था, स्थापित हुआ। 
  5. सिद्धांत में यह बताया गया कि सूर्य सौरमंडल के केंद्र में हैं ना कि पृथ्वी जो विचार भू केंद्रित सिद्धांत में रखा गया था।

केपलर ने बताया कि ग्रहों का परिक्रमा पथ दीर्घ वृत्ताकार होता हैj

इसी कालखंड में-

गैलीलियो के द्वारा टेलिस्कोप का अन्वेषण किया गया एवं

न्यूटन के द्वारा गुरुत्वाकर्षण का नियम सिद्धांत बताया गया।

इसी समय अवधि में भूगोल का वर्गीकरण भी किया गया जिसमें-

  1. क्षेत्रीय भूगोल
  2. सामान्य भूगोल तथा
  3. क्रमबद्ध भूगोल बर्नार्ड वैरेनस के द्वारा बताया गया।

 

प्रबुद्ध कालखंड या ज्ञान कालखंड 18 वीं शताब्दी




18 वीं शताब्दी के प्रारंभ से भूगोल का इतिहास पुन्हा अपने स्वर्णिम काल को प्राप्त करता है तथा इस कालखंड के प्रमुख भूगोल वैज्ञानिक में

1.   बाउचे

2.   गेटर

3.   फॉरस्टर भाई तथा

4.   इमानुएल कांत

इसी कालखंड में भूगोल की मूल अवधारणा को स्थापित किया गया तथा इमानुएल कांत के द्वारा ज्ञान का वर्गीकरण भौतिक एवं तर्कशास्त्र के आधार पर किया गया।

तर्कसंगत वर्गीकरण के अंतर्गत उन्होंने क्रमबद्ध विज्ञान की आधारशिला रखी जिसका मूल उद्देश्य एक विशेष प्रकार की घटना का अध्ययन करना था।

जबकि भौतिक वर्गीकरण के अंतर्गत किसी घटना का होना

·   समय तथा

·   क्षेत्र के आधार पर निर्भर करता है यह बताया गया।

उत्तरार्ध में

5.   हंबोल्ट तथा

6.   कार्ल रिटर के द्वारा आधुनिक भूगोल के लिए विनती है हंबोल्ट ने बताया की किसी स्थान पर उस स्थान की ऊंचाई तथा टेंपरेचर का प्रभाव मनुष्य एवं वनस्पति पर किस प्रकार पड़ता है

7.   शीत समुद्री धारा का अन्वेषण किया गया प्रमुख रूप से पेरू के पश्चिमी तट का हंबोल्ट धारा


Comments

Popular posts from this blog

NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय-01

मणिपुर, नव साम्राज्यवाद (New Colonialism ) एवं AFSPA-भाग-01 & Manipur Cm N. Biren Singh resignation

राज्य की परिभाषा-राजनीतिक