वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 Waqf Amendment Bill 2025
अभी इस समय संसद (राज्यसभा / Rahya Sabha) में वर्तमान में "वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 / Waqf Amendment Bill 2025" पर चर्चा चल रही है पूरे देश में यह गहन चर्चा एवं कौतूहल चर्चा का विषय बना हुआ है कि -
- देखने तथा समझने वाली बात ही है कि
- वह देश जिसमें लगभग 110 करोड हिंदू जनसंख्या है
- उसके बीच में 22 करोड़ की जनसंख्या को यह अधिकार है
- कि आपकी जहां इच्छा करें और जिस समय अनुसार आपका मन करे आप किसी भी भूमि संपत्ति को अपनी संपत्ति बात कर उस पर अपना आधिपत्य स्थापित कर सकते हैं। 👀
वर्तमान में
- घटित होने वाली प्रत्येक घटना का अपना एक इतिहास होता है
- यदि आज यह चर्चा इस समाज में हो रही है तो इसका भी एक ऐतिहासिक पक्ष है
- जिसके अंतर्गत शांति दूत समुदाय यह मानकर चलता है कि
- उसने इस देश पर मुगलों के माध्यम से एवं अन्य आक्रांताओं के माध्यम से शासन किया है
- यह देश हमारे पास था
- किसी कारणवश यह हमसे दूर हो गया और
- हमारा जो मिल्लत-ऐ-इस्लाम का लक्ष्य था वह अधूरा रह गया।
क्योंकि-
- हमने इस पर शासन किया था
- अंग्रेज आए तो हमारा शासन चला गया
- इसलिए जब अंग्रेज गए तो यह देश पुनः शांति दूतों को मिल जाना चाहिए था,
- किंतु ऐसा नहीं हुआ और
- उस आधिपत्य को वैचारिक रूप से मानते हुए
- आज भी यह वेदना मन में है की है हमको क्यों नहीं मिला❓❓👎
अपने उद्देश्य मिल्लत-ऐ-इस्लाम अर्थात "संपूर्ण विश्व एक शांतिदूत समुदाय" की प्राप्ति के लिए यह देश हमको चाहिए।
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तो प्रश्न उठा कि -
"यह देश हमको किस प्रकार
मिल सकता है उसी क्रम में आज हम इस चर्चा को विस्तार देने वाले हैं।"
तो प्रश्न? कि-
- यह देश हमको किस प्रकार मिल सकता है❓
- इसी क्रम में इन तीन चित्रों का अध्ययन हमको करना होगा
- जिसमें चरणबद्ध प्रक्रिया के अंतर्गत भारत का अतिक्रमण करके आधिपत्य स्थापित किया जाना है।
इस आधिपत्य को स्थापित करने का अधिकार -
- भारतीय संसद के द्वारा भारत में पहला वक्फ अधिनियम (Waqf Act) 1954 में आया
- जिसका अंतिम संशोधन वर्ष 2013 में किया गया
- जिसमें एक स्वच्छंद शक्ति के रूप में वक्फ को अधिकार दिया गया कि जो भी भूमि संपत्ति सरकारी/ गैर सरकारी/ निजी और सामूहिक,
- वक्फ के अनुसार, उसको पसंद आती है वह
उस पर अपना आधिपत्य वैधानिक रूप से स्थापित कर सकता है।
- और यदि किसी को आपत्ति है तो वह सिद्ध करें कि यह संपत्ति वक्फ की क्यों नहीं है।
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शांति दूतों के लिए निश्चित यह बड़ी सफलता थी और हम देखते और समझते हैं कि विश्व में भारत में रक्षा तथा रेलवे के पश्चात तीसरी सबसे बड़ी संपत्ति शांति दूत समुदाय वक्फ बोर्ड / Waqf Board की हो जाती है।
ऐसा क्यों हुआ और क्यों प्रमुख राजनीतिक
जैसे कि-
- कांग्रेस Congress (INC),
- समाजवादी पार्टी (Sanajwadi Party - S.O.)
- तृणमूल कांग्रेस (TMC)
- शिवसेना /SHIVSENA उद्धव ठाकरे (UBT)
- राष्ट्रवादी पार्टी NATIONALIST CONGRESS PARTY,
- राष्ट्रीय जनता दल ( RASHTRIY JANATA DAL-RJD ) एवं
- अन्य प्रमुख
विपक्षी दल एक स्वर में हिंदू विरोध के इस बिल तथा शांति दूतों के पक्ष में क्यों
बोल रहे हैं तथा वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में मतदान करने की बात कह रहे हैं।
यदि -
- शांति दूध का इतिहास देखें तथा
- उनकी धार्मिक एवं राजनीतिक विचारधारा को समझे
- तो एकमात्र उद्देश्य वैश्विक शांतिदूत समुदाय का स्थापित करना है
- वैश्विक शांतिदूत समुदाय जिसमें अन्य पंत के व्यक्तियों के लिए कोई स्थान नहीं है ।
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इस उद्देश्य प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि-
- पर्याप्त मात्रा में भूमि होनी चाहिए
- यह भूमि हमको कैसे मिलेगी इसके लिए एक निश्चित समय के अंतर्गत तीव्र गति से जनसंख्या वृद्धि कर
- वोट की शक्ति को बढ़ाया गया और
- राजनीतिक दलों को विवश किया गया
- कि आप हमारा समर्थन कीजिए और
- हम अपने वोट की शक्ति आपको देंगे
- सत्ता आपकी तथा धार्मिक एवं राजनीतिक विस्तार हमारा और
- इस प्रकार से बोली बताकर सत्ता का सुख राजनीतिक दलों के द्वारा भोगा जाएगा एवं
- शांति दूत धार्मिक राज्य मिल्लते-ऐ-इस्लाम अर्थात संपूर्ण विश्व शांति दूत समुदाय का विस्तार किया जाएगा।
यह लक्ष्य पूर्ति अपनी गति से चल रही थी लेकिन -
- वक्फ संशोधन अधिनियम 2025
- इस अनाधिकृत और संवैधानिक प्रावधान पर पूर्णता विराम लगा देगा
- जो की उनके लक्ष्य का सबसे
बड़ा रोडा सिद्ध हो रहा है।
यही कारण है कि -
- विरोध के स्वर अत्यधिक तीखे है तथा चेतावनी के साथ आ रहे हैं
- लेकिन समझना होगा कि वर्तमान शासन दबाव में शासन नहीं चलता है
- जो हो रहा है उसका निर्धारित लक्ष्य प्राप्त होना निश्चित है
- अब देखना है कि आगे का राजनीतिक तथा धार्मिक उत्तराध किस प्रकार का होगा।
धन्यवाद।
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