खंडित हुआ पेरिस समझौता (Paris Agreement)? पिघलती पृथ्वी निश्चित भविष्य का विनाश।
संयुक्त राष्ट्र संघ/ United Nation Organisation -UNO के नवीनतम समाचार के अनुसार- पेरिस समझौते / Paris Agreement के अंतर्गत जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था , “ कि इस सदी के अंत तक हमें पृथ्वी के बढ़ते हुए तापमान को औसत वृद्धि दर 02 डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित करना है, तथा इस लक्ष्य की प्राप्ति करते हुए हम प्रयास करेंगे कि यह 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित रहे वह प्रथम लक्ष्य टूट चुका है। अर्थात- वैश्विक समुदाय के द्वारा नैतिकता के आधार पर जो बातें दिन प्रतिदिन तथा हर समय की जाती है उन अग्रणी नेताओं के माध्यम / द्वारा ही हम अपने लक्ष्य को खंडित कर चुके हैं। 👉 हिंदी विषय की अध्ययन सामग्री के लिए साइटमैप देखें 👀 यद्यपि संयुक्त राष्ट्र संघ यह बात कह रहे हैं कि - इस तापमान वृद्धि को एक सतत तथा स्थाई वृद्धि अभी नहीं माना जा सकता क्योंकि अनेक भौगोलिक कर्म के द्वारा ऐसा हो सकता है कि किसी एक निश्चित महीने के लिए अथवा किसी एक निश्चित वर्ष के लिए तापमान में वृद्धि हुई हो परिणाम स्वरुप हमारा लक्ष्य ...